Visitor Count: 112557 Get it on Google Play

अरबी की खेती

द्वारा, दिनांक 26-08-2019 11:04 AM को 160

अरबी की खेती

जलवायु एवं भूमि : अरबी के लिए शीतोष्ण एवं सम-शीतोष्ण जलवायु अच्छी मानी जाती हैI अरबी की खेती उपजाऊ बलुई दोमट भूमि में अच्छी होती है तथा भारी मिट्टी में भी की जा सकती है लेकिन जल निकास का अच्छा प्रबंध होना चाहिएI जिस भूमि का पी.एच. 5.5 से 7 के बीच में होता है वहां पर भी इसकी खेती की जाती हैI

उन्नत किस्मे : सतमुखी, श्रीरश्मी, श्री पल्लवी, सफ़ेद गौरैया, काका काचू, पंचमुखी, एन.डी.सी.1,एन.डी.सी.2, एन.डी.सी.3, सहर्षमुखी, कदमा, मुक्ताकाशी, नदिया लोकल, अहिना लोकल, तेलिया इसके साथ ही सी.9, सी.135, सी.149 , सी.266 इसके साथ ही एस.3, एस.11, आदि।

खेत की तैयारी : खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से बाद में तीन चार जुताई देशी हल या कल्टीवेटर से करके खेत को भुरभुरा करके समतल बना लेना चाहिएI आख़िरी जुताई से पूर्व सड़ी गोबर की खाद 15 टन प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मिला देना चाहिएI

बीज की मात्रा : मध्यम आकार के कंद 7.5 से 9.5 क्विंटल कंद प्रति हेक्टेयर लगाये जाते है I

बुवाई का समय और विधि : उत्तर भारत में दो बुवाई की जाती है जायद में मार्च से अप्रैल तक कंदो की बुवाई की जाती हैI खरीफ में तथा पहाड़ो में जून से जुलाई तक कंदो की बुवाई या रोपाई की जाती हैI इसकी बुवाई कतारों में करनी चाहिए लाइन से लाइन की दूरी 45 सेंटीमीटर तथा पौधे से पौधे की दूरी 30 सेंटीमीटर एवं 6 से 7 सेंटीमीटर गहराई पर कंदो की बुवाई या रोपाई करनी चाहिएI कंदो को उपचारित करके बोना चाहिए।

खाद एवं उर्वरक : अरबी के लिए 80 किलोग्राम नत्रजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस एवं 60 किलोग्राम पोटाश तत्व के रूप प्रति हेक्टेयर देना चाहिए। आधी मात्रा नत्रजन और पोटाश की तथा पूरी मात्रा फास्फोरस की खेत की तैयारी के समय देना चाहिए तथा आधी मात्रा नत्रजन व् पोटाश को दो बार में खड़ी फसल में देना चाहिए I पहली बार 7 से 10 अंकुर निकलने पर तथा दूसरी बार इसके एक माह बाद देना चाहिएI प्रत्येक टॉपड्रेसिंग के बाद मिट्टी चढ़ाना चाहिए। 

सिंचाई प्रबंधन : बुवाई के चार-पांच दिन बाद सिंचाई करनी चाहिएI यदि कंदो में स्प्राउट सही आ रहे है तो 8 से 10 दिन बाद सिंचाई करनी चाहिए I इसके पश्चात मौसम के अनुसार सिंचाई करें।

निराई-गुड़ाई तथा खरपतवार नियंत्रण : बुवाई के एक दिन बाद ही 3.3 लीटर पेंडामेथलिन का स्प्रे 700 से 800 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से कर देना चाहिएI आवश्यकतानुसार एक या दो निराई-गुड़ाई करते हुए पौधों पर मिट्टी चढ़ानी चाहिए इससे कंद अच्छे बनते है जिससे पैदावार अच्छी होती हैI

रोग प्रबंधन : अरबी में लीफ ब्लाइट और पीथियम गलन रोग लगते हैI लीफ ब्लाइट के नियंत्रण हेतु डाइथेन एम 45 का 2.5  ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए इसके साथ ही रोगरोधी प्रजातियों की बुवाई करनी चाहिएI पीथियम के नियंत्रण हेतु किसी फफूंदी नाशक से भूमि शोधन करना चाहिए तथा रोगरोधी प्रजातियों की बुवाई करनी चाहिएI

कीट प्रबंधन : आवश्यकता अनुसार लीफ माईनर और पत्ती खानेवाले कीड़ो का नियंत्रण करें।

खुदाई : जब फसल की पत्तियां पीली होकर जमीन पर गिरने लगे उस समय खुदाई करनी चाहिए लगभग 120 से 150 दिन पर।

उपज : किस्म अनुसार सामान्य रूप से 150 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज प्राप्त होती हैI

सब्जी फसलें

भिन्डी की उन्नत खेती 

भिन्डी की उन्नत खेती 

और अधिक पढ़ें .............................

मटर की उन्नत खेती

मटर की उन्नत खेती

और अधिक पढ़ें ........................

मिर्च की उन्नत खेती

मिर्च की उन्नत खेती

और अधिक पढ़ें .............................

गाजर की उन्नत खेती

गाजर की उन्नत खेती

और अधिक पढ़ें ........................

कद्दू की खेती 

कद्दू की खेती 

और अधिक पढ़ें .............................

प्याज की उन्नत खेती

प्याज की उन्नत खेती

और अधिक पढ़ें ........................

मूली की उन्नत खेती

मूली की उन्नत खेती

और अधिक पढ़ें ........................

शकरकंद की खेती

शकरकंद की खेती

और अधिक पढ़ें .............................

परवल की खेती 

परवल की खेती 

और अधिक पढ़े .................................

पत्तागोभी की उन्नत खेती

पत्तागोभी की उन्नत खेती

और अधिक पढ़ें .............................

खरीफ प्याज की उन्नत खेती

खरीफ प्याज की उन्नत खेती

और अधिक पढ़ें .............................

हल्दी की खेती 

हल्दी की खेती 

और अधिक पढ़ें .............................

फूल गोभी की खेती

फूल गोभी की खेती

और अधिक पढ़ें .............................

शलजम की खेती

शलजम की खेती

और अधिक पढ़ें..........................

जायद में खीरे की खेती

जायद में खीरे की खेती

और अधिक पढ़ें .............................

टमाटर की खेती

टमाटर की खेती

और अधिक पढ़ें .............................

अनाज फसले

गेहूँ की खेती

गेहूँ की खेती

और अधिक पढ़ें.......................

ज्वार की खेती

ज्वार की खेती

और अधिक पढ़ें.......................

बाजरा की खेती

बाजरा की खेती

और अधिक पढ़ें..........................

सफलता की कहानियां

मिर्च की खेती ने बनाया लखपति

मिर्च की खेती ने बनाया लखपति

मिर्च की खेती ने बनाया लखपति

महिला कृषक मीनाक्षी धाकड़ बनी अन्य के लिए प्रेरणा

महिला कृषक मीनाक्षी धाकड़ बनी अन्य के लिए प्रेरणा

महिला कृषक मीनाक्षी धाकड़ बनी अन्य के लिए प्रेरणा

धनिये कि खेती कर कमाया अधिक लाभ

धनिये कि खेती कर कमाया अधिक लाभ

और अधिक पढ़े ........................

फलदार फसलें

आँवला की उन्नत बागवानी

आँवला की उन्नत बागवानी

और अधिक पढ़ें....................

नींबू प्रजाति के फलों की खेती

नींबू प्रजाति के फलों की खेती

और अधिक पढ़ें .....................

बेर की उन्नत बागवानी

बेर की उन्नत बागवानी

और अधिक पढ़ें .....................

पपीते की उन्नत बागवानी

पपीते की उन्नत बागवानी

और अधिक पढ़ें .............................

अनार की खेती

अनार की खेती

और अधिक पढ़ें.......................

बेल की उन्नत बागवानी

बेल की उन्नत बागवानी

और अधिक पढ़ें......................

अमरुद की खेती

अमरुद की खेती

और अधिक पढ़ें..........................

अंजीर की उन्नत बागवानी

अंजीर की उन्नत बागवानी

और अधिक पढ़ें..................

आम की उन्नत बागवानी

आम की उन्नत बागवानी

और अधिक जानिए..............

फालसा की उन्नत बागवानी

फालसा की उन्नत बागवानी

और अधिक पढ़ें...............

औषधीय फसलें

अश्वगंधा लगाएं : अधिक आमदनी पाएं

अश्वगंधा लगाएं : अधिक आमदनी पाएं

और अधिक जाने................................

ईसबगोल की खेती

ईसबगोल की खेती

और अधिक पढ़ें .....................

अफीम की उन्नत खेती

अफीम की उन्नत खेती

और अधिक पढ़ें ...................

चारा फसलें

रिजका की उन्नत खेती

रिजका की उन्नत खेती

...............और अधिक पढ़ें

चारा चुकंदर (फोडर बीट)

चारा चुकंदर (फोडर बीट)

और अधिक पढ़ें .......................

बरसीम की उन्नत खेती

बरसीम की उन्नत खेती

...................और अधिक पढ़ें

अन्य लेख

किसानो के लिए सामाजिक सुरक्षा चक्र

किसानो के लिए सामाजिक सुरक्षा चक्र

"प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना”

वर्ष भर का सब्जी केलेंडर 

वर्ष भर का सब्जी केलेंडर 

और अधिक पढ़ें........................

दलहन फसलें

मूंग की उन्नत खेती

मूंग की उन्नत खेती

और अधिक पढ़ें................

चने की खेती

चने की खेती

और अधिक पढ़ें.......................

मोठ की उन्नत खेती

मोठ की उन्नत खेती

और अधिक पढ़ें .............

उड़द की उन्नत खेती

उड़द की उन्नत खेती

और अधिक पढ़ें..................

पुष्प फसलें

गेलार्डिया की उन्नत खेती

गेलार्डिया की उन्नत खेती

और अधिक पढ़ें ....................

गेंदे की उन्नत खेती

गेंदे की उन्नत खेती

गेंदे की उन्नत खेती के लिए अधिक जाने

रजनीगंधा की आधुनिक खेती

रजनीगंधा की आधुनिक खेती

और अधिक पढ़ें ....................................

मसाला फसलें

हल्दी की खेती 

हल्दी की खेती 

और अधिक पढ़ें .............................

सोंफ की खेती

सोंफ की खेती

और अधिक पढ़ें..........................

कलोंजी की सफल खेती

कलोंजी की सफल खेती

और अधिक पढ़ें..........................

जीरे की खेती

जीरे की खेती

और अधिक पढ़ें..........................

लहसुन की उन्नत खेती

लहसुन की उन्नत खेती

और अधिक पढ़ें ........................

मेथी की उन्नत खेती 

मेथी की उन्नत खेती 

और अधिक पढ़ें..........................

धनिये की खेती

धनिये की खेती

और अधिक पढ़ें ........................

जैविक खेती

हरी खाद की उपयोगिता

हरी खाद की उपयोगिता

और अधिक पढ़ें ..........................

नकदी फसलें

कपास की उन्नत खेती

कपास की उन्नत खेती

और अधिक पढ़ें ...............

हल्दी की खेती 

हल्दी की खेती 

और अधिक पढ़ें .............................

आलू की उन्नत खेती

आलू की उन्नत खेती

और अधिक पढ़ें .............................

तिलहन फसलें

अलसी की खेती

अलसी की खेती

और अधिक पढ़ें.......................

सोयाबीन की उन्नत खेती

सोयाबीन की उन्नत खेती

और अधिक पढ़ें ............

सरसों की खेती

सरसों की खेती

और अधिक पढ़ें.......................