चारा चुकंदर (फोडर बीट)
फसल प्रबंधन :
बुआई :
बुआई का समय : अगस्त से दिसंबर
बीज दर : 1-1-5 किलोग्राम/एकड़
बुआई की विधि : पंक्ति से पंक्ति की दूरी 50 सेमी बीज से बीज की दूरी 20 सेमी
सिंचाई : पहली सिंचाई बीज बोने के बाद व शेष (4-6 सिंचाई) आवश्यकतानुसार। जल निकास का भी प्रबंधन करें।
खुदाई : 120-150 दिनां बाद
उपज : 200-300 क्विंटल/एकड़
खाद एवं उर्वरक (प्रति एकड़) :
o सड़े गोबर की खाद 20 टन।
o नत्रजन 80 किलोग्राम (175 किलोग्राम यूरिया)।
o फॉस्फोरस 25 किलोग्राम (156 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट)।
o पोटाश 40 किलोग्राम (65 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश)।
o नत्रजन की आधी मात्रा बुआई के सम व आधी मात्रा।
o रोपाई के 40-50 दिनों बाद डालकर मिट्टी चढ़ा दें और सिंचाई करें।
विशेषताएं :
o क्षारीय मृदा व खारे पानी में खेती के लिए उपयुक्त।
o चारे के लिए एक उत्तम विकल्प।
o पोषक तत्वों से युक्त।
o उच्च ऊर्जायुक्त चारा।
o दुग्ध उत्पादकता बढ़ाने में सहायक।
o उच्च उत्पादन।
उत्पादन व गुणवत्ता :
o चारा उत्पादन 200-300 क्विंटल/एकड़।
o प्रोटीन 10-13 प्रतिशत।
o पाचन मात्रा 75-78 प्रतिशत।
o मेटाबोलाइजेबल ऊर्जा 12-13 MJ/Kg. DM
फोडर बीट खिलाने की विधि :
o फोडर बीट को जमीन से खोदकर निकाल लें। पत्तों व मूल को पानी से धो लें व छोटे-छोटे टुकड़ों (3-5सेमी) में काटकर सीधा या सुख चारे में मिलाकर पशु को खिलायें। एक पूर्ण व्यस्क पशु को 8-10 किलोग्राम (मूल व हरे पत्ते) प्रतिदिन के हिसाब से खिलायें। क्योंकि फोडर बीट एक उच्च ऊर्जा वाला पौष्टिक आहार है अतः डेयरी गाय, भैसों व अन्य पशुओं के लिए बहुत ही उपयुक्त चारा है।
o फोडर बीट को छोटे-छोटे भागों में काटकर धूप में सूखा कर भण्डारित भी किया जा सकता है। बाद में इसे दाना (चोकट, चुन्नी, खल्ली का मिश्रण) के साथ मिलाकर खिला सकते हैं।
डी. के. राणा
डी. आर. एग्री साइंसेस, जयपुर
मोबाइल : 8875012436